सुनफा योग - चन्द्रादि योग | Sunapha Yoga - Chandradi Yoga | Sunapha Yoga Result | Durdhara Yoga | Anafa Yoga Results

सुनफा योग चन्द्र से बनने वाला योग है. चन्द्र से बनने वाले शुभ- अशुभ योगों में सुनफा योग को शामिल किया जाता है. चन्द से बनने वाले योग इसलिए भी विशेष माने गये है, क्योकि चन्द्र मन का कारक ग्रह है. और अपनी गति के कारण अन्य ग्रहों की तुलना में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करता है.  

सुनफा योग कैसे बनता है | Sunafa Yoga Formation and Results

सूर्य के सिवाय को अन्य ग्रह चन्द्रमा से दूसरे स्थान में हो तो उसे सुनफा योग कहते है. इस योग वाला व्यक्ति अपनी शैक्षिक योग्यताओं के लिए प्रसिद्ध होगा. वह धनवान होगा, और जीवन के सभी सुख -सुविधाएं प्राप्त होगी.

मंगल सुनफा योग फल | Mars Sunafa Yoga Results

अगर कुण्डली में चन्द्र से दूसरे स्थान में मंगल स्थित हो, तो मंगल सुनफा योग बनता है. यह योग व्यक्ति को पराक्रमी, धनवान, कडक मिजाज, निष्ठुर वचन बोलने वाला, भूमि का स्वामी, हिंसा में रुचि रखने वाला बनाता है. 

बुध सुनफा योग फल | Mercury Sunafa Yoga Results

बुध से सुनफा योग हो तो व्यक्ति वेद शास्त्र और संगीत में कुशल होता है. वह धर्मात्मा होता है. उसे काव्य करने में विशेष रुचि होती है. अपने गुणों के कारण वह सबका प्रिय होता है. इस योग का व्यक्ति शरीर से सुन्दर होता है. 

गुरु सुनफा योग फल | Jupiter Sunafa Yoga Results

गुरु से सुनफा योग बन रहा हो तो व्यक्ति अनेक विद्याओं का आचार्य होता है. अपनी योग्यता के कारण वह हर ओर विख्यात होता है. धर्म का पालन करने वाला होता है. व परिवार सहित धन से सम्पन्न होता है.  

शुक्र सुनफा योग फल | Venus Sunafa Yoga Results

सुनफा योग कुण्डली में शुक्र से बन रहा हो तो व्यक्ति खेती करने वाला, भूमि से युक्त, गृ्ह, वाहन को रखने वाला होता है.  वह पराक्रमी व राजमान्य भी होता है. इसके अतिरिक्त उसमें चतुरता का गुण भी पाया जाता है. 

अनाफा योग । Anafa yoga 

 कुण्डली में ग्रहों की परस्पर स्थिति से कुछ विशेष योगों का निर्माण होता है. इस प्रकार बनने वाले योग व्यक्ति के धन, संपति उन्नति में बढोतरी करने वाले होते है. ये योग सूर्य, चन्द्र और लग्न से बनने वाले योग है. चन्द्र से बनने वाले योगों में से एक योग अनफा योग है.

अनफा योग कैसे बनता है.| Anafa Yoga Formation

अगर कुण्डली में सूर्य को छोडकर चन्दमा से बारहवें स्थान अथवा पिछले स्थान में कोई ग्रह हो ,तो अनाफा योग बनता है. इस योग के निर्माण में विशेष बात ध्यान देने योग्य यह है कि इस योग में बारहवें स्थान पर सूर्य की स्थिति नहीं होनी चाहिए. सूर्य के होने पर यह योग भंग हो जाता है.  

अनाफा योग फल | Anafa Yoga Results

जिस व्यक्ति की कुण्डली में अनाफा योग होता है, वह व्यक्ति सुन्दर, बलवान, गुणवान, मृ्दुभाषी व प्रसिद्ध होता है. इसके साथ ही वह शरीर से ह्र्ष्ट पुष्ट होता है. उसमें राजनेता बनने की योग्यता होती है. 

मंगल अनाफा योग फल | Mars Anafa Yoga Results

जब चन्द्र से बारहवें भाव में मंगल स्थित हो, तो मंगल अनाफा योग बनता है. यह योग कुण्डली में होने पर व्यक्ति अपने ग्रुप का नेता होता है. वह तेजस्वी, स्वयं को सीमित रखने वाला होता है. अपने बल पर वह मान करता है. और झगडों और लडाई के लिए सदैव तैयार रहता है. उसमें क्रोध भावना अधिक पाई जाती है. 

बुध अनाफा योग फल | Mercury Anafa Yoga Results

बुध से अनाफा योग बने तो व्यकि गंधर्व के समान सुन्दर होता है. वह गायक, चतुर, लेखक , कवि, वक्ता, राजसुख, और प्रसिद्धि पाने वाला होता है.  

गुरु अनाफा योग फल | Jupiter Anafa Yoga Results

अनाफा योग गुरु से बनने पर व्यक्ति गंभीर, मेधावी, बुद्धिमन, राजकीय सम्मान प्राप्त और प्रसिद्ध कवि होता है.  

शुक्र अनाफा योग फल | Venus Anafa Yoga Results

शुक्र से अनाफा योग बने तो व्यक्ति विपरीत लिंग में लोकप्रिय होता है. उसे राजा का स्नेह मिलता है. इसके साथ ही वह उत्तम वाहन युक्त होता है. तथा उसके प्रसिद्ध कवि होने की भी संभावनाएं बनती है. 

शनि अनाफा योग फल | Saturn Anafa Yoga Results

शनि से अनफा योग हो तो व्यक्ति लम्बी बाहों वाला होता है. वह भाग्यवान होता है. गुणी, और संतान युक्त होता है.  

दुरधरा योग- चन्द्रादि योग | Durdhara Yoga

जब कुण्डली में सूर्य के सिवाय, जब चन्द्र के दोनों और अथवा द्वितीय व द्वादश भाव में ग्रह हों, तो इससे दुरुधरा योग बनता है. इस योग वाले व्यक्ति को जन्म से ही सब सुख-सुविधाएं, प्राप्त होती है. उसके पास धन-संपति वाहन और नौकर चाकर होते है. वह स्वभाव से उदार चित्त, स्पष्ट बात कहने वाला, दान-पुण्य़ करने वाला और धर्मात्मा होता है. 

मंगल-बुध दुरुधरा योग | Mars-Mercury Durdhara Yoga

जब कुण्डली में मंगल-बुध से दुरुधरा योग हो तो , असत्यवादी, पूर्ण धनी, चतुर, हठी, गुणवान, लोभी व अपने कुल का नाम रोशन करने वाला. 

मंगल-गुरु दुरुधरा योग | Mars-Jupiter Durdhara Yoga

मंगल-गुरु से दुरुधरा योग हो तो व्यक्ति अपने कार्यो के कारण विख्यात रहता है.  उसमें कपट भावना पाई जा सकती है. धन के प्रति महत्वकांक्षी होना उसके शत्रुओं में बढोतरी करता है. इसके साथ ही वह क्रोधी होता है. व हठी भी होता है. धन संचय में उसे विशेष रुचि होती है. 

मंगल-शुक्र दुरुधरा योग | Mars-Venus Durdhara Yoga

किसी व्यक्ति की कुण्डली में मंगल-शुक्र से दुरुधरा योग बन रहा हो तो व्यक्ति का जीवन साथी सुन्दर होता है. उसे विवादों में रहना पसन्द होता है.  साथ ही वह और लडाई आदि विषयों के प्रति उत्साही रहता है. 

मंगल -शनि दुरुधरा योग | Mars-Saturn Durdhara Yoga

ऎसा व्यक्ति कामी, धन इकठा करने वाला, व्यसनी, क्रोधी व अनेक शत्रुओं वाला होता है. 

बुध-गुरु दुरुधरा योग | Mercury-Jupiter Durdhara Yoga 

बुध-गुरु दुरुधरा योग युक्त व्यक्ति धार्मिक, शास्त्रज्ञ, वक्ता, सभी वस्तुओं से सुखी, त्यागी और विख्यात होता है. 

बुध-शनि दुरुधरा योग |  Mercury-Saturn Durdhara Yoga

इस योग का व्यक्ति प्रियवक्ता, सुन्दर, तेजस्वी, पुण्यवान, सुखी, तथा राजनीति में काम करने के लिए उत्साहित होता है. 

बुध-शुक्र दुरुधरा योग | Mercury-Venus Durdhara Yoga

यह योग हो तो व्यक्ति देश-विदेश घूमने वाला, निर्लोभी, विद्वान, दूसरों से पूज्य, व स्वजन विरोधी होता है. 

गुरु-शुक्र दुरुधरा योग | Jupiter-Venus Durdhara Yoga

गुरु और शुक्र से दुरुधरा योग हो तो वह व्यक्ति धैर्यवान, मेधावी, स्थिर स्वभाव, नीति जानने वाला होता है. उसकी ख्याती अपने प्रदेश में होती है. इसके अतिरिक्त उसके सरकारी क्षेत्र में कार्य करने के योग बनते है. 

गुरु-शनि दुरुधरा योग | Jupiter-Saturn Durdhara Yoga

व्यक्ति सुखी, नीतिज्ञ, विज्ञानी, विद्वान, कार्यो को करने में समर्थ,  पुत्रवान,  धनवान, और रुपवान होता है. 

शुक्र-शनि दुरुधरा योग | Venus-Saturn Durdhara Yoga

ऎसे व्यक्ति का जीवन साथी व्यसनी होता है. कुलीन, सब कार्यो में निपुण होता है. विपरीत लिंग का प्रिय, धनवान, सरकारी क्षेत्रों से सम्मान प्राप्त करने वाला होता है.