शिवरात्रि में व्यंजन एवं पकवान (Shivaratri Foods and Recipes)

shivratri_food फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. भगवान शिव के भक्तों के लिए शिवरात्रि अद्भुत उत्सव एवं आनन्द का दिन होता है. एक कथा के अनुसार देवी पार्वती ने एक बार भगवान शिव की पूरे मनोयोग से तपस्या की. देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने पार्वती को यह वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन भक्ति भाव से शिव शंकर की पूजा एवं उनके निमित्त व्रत रखेगा उनकी मनोकामना पूरी होगी. उस दिन से शिवरात्रि व्रत का महात्म्य जगत में फैलता गया.


महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था. इसलिए भी महाशिवरात्रि का महत्व कई गुणा हो जाता है. इस दिन भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा करने से शिव कृपा की प्राप्ति होती है. शिवरात्रि की रात में जागरण करके भगवान शिव की कथा एवं भजन का आयोजन किया जाता है.


शिवरात्रि का व्रत (Shivaratri Fast)

अपनी-अपनी श्रद्धा एवं क्षमतानुसार लोग शिवरात्रि का व्रत रखते हैं. कुछ लोग शिवरात्रि में बिना अन्न-जल ग्रहण किये हुए दिन एवं रात का व्रत रखते हैं. कुछ शिव भक्त पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में फलाहार करते हैं. शिवरात्रि व्रत में कुछ उपासक दिन भर व्रत रखकर रात्रिकाल में मीठा भोजन ग्रहण करते हैं. व्रत के अनुरूप ही शिवरात्रि में लोगों का अलग-अलग प्रकार का आहार होता है.


पंजाब एवं सिन्ध प्रांत में शिवरात्रि (Shivaratri in Punjab and Sindh Province)

पंजाब तथा सिन्ध प्रांत में शिवरात्रि की रात में भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है. इसके पश्चात भगवान शंकर को कुट्टु का हलवा, चना एवं फलों का भोग लगाते हैं. व्रत करने वाले भक्त अपने परिवार के लोगों एवं कुटुम्बों के साथ इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. भक्तगण रात्रि जागरण करते हुए शिव का भजन-कीर्तन गाते हैं. इस रात फलों का चाट बनाकर भी लोग खाते हैं.


उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल में शिवरात्रि (Shivaratri in Uttar Pradesh and Uttaranchal)

उत्तर प्रदेश के बनारस में काशी विश्वनाथ महादेव का मंदिर है. उत्तर प्रदेश का विभाजन होने के बाद उत्तरांचल राज्य अस्तित्व में आया. इससे पहले केदारनाथ महादेव भी उत्तर प्रदेश में ही था. उत्तरप्रदेश एवं उत्तरांचल में शिवरात्रि के मौके पर शिव मंदिरों में भक्त जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक करते हैं. शिव को धतुरा एवं धतुरे का फूल अर्पित करते हैं. महाशिवरात्रि में जो लोग व्रत रखते हैं उनमें बहुत से लोग फलाहार करते हैं. साबुदाने की खीर, केला, सेव इनका आहार होता है. रामदाना एवं कुट्टु का हलावा भी लोग इस दिन व्रत

बिहार एवं झारखंड में शिवरात्रि (Shivaratri in Jharkhand and Bihar)

बिहार तथा झारखंड के लोग बाबा भोलेनाथ के भक्त होते हैं. इनके मन में बाबा बैद्यनाथ के प्रति अपार श्रद्धा है. शिव के प्रति आस्था एवं भक्ति से प्रेरित होकर यहां के लोग शिव का व्रत रखते हैं. बहुत से लोग महाशिव रात्रि के अवसर पर अखंड व्रत रखते हैं यानि 24 घंटे बिना अन्न-जल के व्रत करते हैं. कुछ भक्त रात्रि में शिव की पूजा के पश्चात फलाहार करते हैं. फलाहार करने वाले विभिन्न फलों के साथ मखाने की खीर अथवा साबुदाने की खीर खाते हैं. कुछ ऐसे भी भक्त हैं जो दिन भर व्रत रखकर रात में मीठा भोजन करते हैं. मीठा भोजन में चूड़ा-दही खाते हैं. मालपुआ एवं खीर भी इस दिन लोग बनाते हैं.