दीपावली का पौराणिक महत्व और लक्ष्मी जी का निवास अपने यहां बनाये रखने के उपाय (Importance of Deepavali and Ways to Keep Laxmi with Your Home)

deepavali_importance दीपावली पर्व हिन्दूओं का प्रमुख त्यौहार है, इस पर्व का धार्मिक महत्व होने के साथ साथ पौराणिक महत्व भी है. एक मान्यता के अनुसार बारह राशियों को दो भागों में बांटा गया है. छ: राशियां एक बडे नाडीवृत के एक और है, तथा शेष 6 राशियां नाडीवृत के दूसरी ओर है. इसी मंथन को करने के बाद चौदह रत्न निकलते है. व लक्ष्मी जी अमावस्या तिथि के दिन प्रकट हुई थी.


समुद्र मंथन करने के बाद ही लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था. देवी लक्ष्मी जी के अनेक रुप कहे गये है, उन्हें लक्ष्मी जी, महालक्ष्मी जी, राजलक्ष्मी, गृ्हलक्ष्मी जी आदि कहा जाता है. दीपावली के दिन घर की साफ - सफाई कर कूडा- करकट साफ कर घर से बाहर निकाला जाता है. साफ - सुथरे घर में ही श्री कमला लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है.


इस दिन पक्की हुई फसल, काट कर घर लाई जाती है. अर्थात घर में धन-धान्य आता है.


लक्ष्मी जी को प्राप्त करने के लिये जो व्यक्ति कर्मशील रहता है, सदाचार का पालन करता है, बुरे कार्यो से दूर रहता है. वहां लक्ष्मी जी स्वयं निवास करती है.


धनवान भी उसी व्यक्ति को कहा जाता है, जो शरीर से स्वस्थ हो, जिसके जीवन में प्रसन्नता हों, जो आनन्द प्राप्ति के लिये धन का व्यय कर रहा हो, जिसके पास सुख - समृ्द्धि, बुद्धि और ज्ञान हों, यही कारण है कि महालक्ष्मी जी का पूजन करते समय महालक्ष्मी जी, महासरस्वती व श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है. श्री गणेश बुद्धि के देवता है, तथा सरस्वती ज्ञान की देवी है, इसलिये लक्ष्मी जी के नाम के साथ सदैव श्री शब्द लगाया जाता है. इसका अर्थ यह निकलता है, कि किसी व्यक्ति को धन के रुप में लक्ष्मी जी की प्राप्ति हो भी जाती है, तो उसे उस धन का व्यय श्रेष्ठ कार्यो में करना चाहिए.


दीपावली के पर्व पर सदैव माता लक्ष्मी के साथ गणेश भगवान की पूजा की जाती है. इस का कारण यह है कि दीपावली धन, समृ्द्धि व ऎश्वर्य का पर्व है, तथा लक्ष्मी जी धन की देवी है. इसके साथ ही यह भी सर्वविदित है कि, बिना बुद्धि के धन व्यर्थ है. धन-दौलत की प्राप्ति के लिये देवी लक्ष्मी तथा बुद्धि की प्राप्ति के लिये श्री गणेश की पूजा की जाती है.


श्री गणेश को शुभता का प्रतीक कहा गया है. श्री गणेश सिद्धि देने वाले देवता है. जीवन में सुख - शान्ति लाने के लिये श्री गणेश की आराधना की जाती है. यही कारण है कि सभी शुभ कार्य करने से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है. पूजा और शुभ कार्यो को सुचारु रुप से चलाने के लिये सबसे पहले गणेश जी का ध्यान किया जाता है.


सभी चाह्ते है, कि लक्ष्मी जी हमारे यहां सदैव के लिये स्थायी निवास कर लें, इसके लिये वे नित्य प्रति अनेक उपाय भी करते है. आईयें, यह जानने का प्रयास करते है कि लक्ष्मी जी को अपने यहां बनाये रखने के लिये हमें क्या करना चाहिए. लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना कोई अधिक कठिन काम नहीं है. निम्न उपायों करने से लाभ प्राप्त हो सकता है.


कैसा आचरण करें (What to Do)

  1. आंवले का नित्यप्रति सेवन करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. एक मान्यता के अनुसार श्री लक्ष्मी जी कमल का फूल, शंख घर में रखने से देवी लक्ष्मी सदैव घर में विराजमान रहती है. लक्ष्मी जी को सबसे अधिक श्वेत वस्त्र प्रिय है. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये श्वेत वस्त्र धारण करने चाहिए.

  2. लक्ष्मी का निवास अपने घर में बनाये रखने के लिये व्यक्ति को ब्रह्मा मुहूर्त में नित्य स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए.

  3. भगवान शिव की नित्य पूजा करनी चाहिए. घर में देवताओं के प्रति आस्था रखनी चाहिए. श्री विष्णु को एकादशी का उपवास कर, विष्णु जी को आंवला भेंट करना चाहिए.

  4. स्त्रियों और कन्याओं को सम्मान देने वाले व्यक्ति के यहां लक्ष्मी जी का निवास अवश्य रहता है.

  5. इसके अलावा लक्ष्मी जी को अपने घर में बनाये रखने के लिये व्यक्ति को सदाचार का पालन करना चाहिए. इन्द्रियों को अपने नियन्त्रण में रखना चाहिए.

  6. पशु- पक्षियों व सभी जीव-जन्तुओं पर पूर्ण दया रखनी चाहिए.

  7. धर्म-निति का विधि-विधान से पालन करना चाहिए.