12/13 नवम्बर , 2023 दिपावली पूजन मुहूर्त (12/13th, October 2023 Deepavali Puja Muhurt)

deepavali श्री महालक्ष्मी पूजन व दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या में प्रदोष काल, स्थिर लग्न समय में मनाया जाता है. धन की देवी श्री महा लक्ष्मी जी का आशिर्वाद पाने के लिये इस दिन लक्ष्मी पूजन करना विशेष रुप से शुभ रहता है.


वर्ष 2023 में दिपावली, 12/13 नवम्बर की रहेगी. इस दिन स्वाति नक्षत्र 20:09 तक रहेगा. इस दिन सौभाग्य योग तथा चन्दमा तुला राशि में गोचर करेगा. दीपावली में अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, शुभ लग्न व चौघाडिया मुहूर्त विशेष महत्व रखते है. दिपावली व्यापारियों, क्रय-विक्रय करने वालों के लिये विशेष रुप से शुभ मानी जाती है.


1. प्रदोष काल मुहूर्त कब (When comes Pradosh Kaal Muhurta)

12 नवम्बर 2023, रविवार के दिन दिल्ली तथा आसपास के इलाकों में 17:27 से 20:09 तक प्रदोष काल रहेगा. इसे प्रदोष काल का समय कहा जाता है. प्रदोष काल समय को दिपावली पूजन के लिये शुभ मुहूर्त के रुप में प्रयोग किया जाता है. प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न समय सबसे उतम रहता है. इस दिन मेष लग्न होगा उसके पश्चात वृष लग्न रहेगा. प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों रहने से मुहूर्त शुभ रहेगा.

इस वर्ष अमावस्या तिथि रविवार के दिन व्याप्त रहेगी ओर दोपहर 14:45 बाद प्रदोष काल, निशीथ काल, महानिशीथ समय रहेगा. शाम के समय स्वाती नक्षत्र, सौभाग्य योग, तुला राशि स्थित चंद्रमा तथा अर्धरात्रि व्यापिनी अमावस्या युक्त होने से विशेषत: प्रशस्त होगा.

शाम के समय 17:39 से स्थिर लग्न वृष होगा, प्रदोष काल से ही शुभ की चौघडिया भी 19:08 तक रहेगी. इसके बाद अमृत चौघडियां शुभ हैं. इसलिए 17:39 से श्री गणेश लक्ष्मी पूजन करना अनुकूल रहेगा.



प्रदोष काल का प्रयोग कैसे करें (How to Perform the Pradosh Kaal Activity)

प्रदोष काल में मंदिर में दीपदान, रंगोली और पूजा से जुडी अन्य तैयारी इस समय पर कर लेनी चाहिए तथा मिठाई वितरण का कार्य भी इसी समय पर संपन्न करना शुभ माना जाता है.


इसके अतिरिक्त द्वार पर स्वास्तिक और शुभ लाभ लिखने का कार्य इस मुहूर्त समय पर किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त इस समय पर अपने मित्रों व परिवार के बडे सदस्यों को उपहार देकर आशिर्वाद लेना व्यक्ति के जीवन की शुभता में वृ्द्धि करता है. मुहूर्त समय में धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा.


2. निशिथ काल (Nishith Kaal)

12 नवंबर 2023 में निशिथ काल के लिए 20:09 से 22:51 तक का समय होगा. निशीथकल में मिथुन लग्न 21:48 तक होगा. इसके बाद 21:48 से 24:11 तक कर्क लग्न भी उत्तम होगा. इसके साथ में अमृत, चर की चौघडिया 22:30 तक रहेगी.

निशिथ काल में स्थानीय प्रदेश समय के अनुसार इस समय में कुछ मिनट का अन्तर हो सकता है. ऎसे में व्यापारियों वर्ग के लिये लक्ष्मी पूजन के लिये इस समय की अनुकूलता रहेगी.



दिपावली पूजन में निशिथ काल का प्रयोग कैसे करें (How to perform TXT Nishith Kaal in Deepavali Puja)

धन लक्ष्मी का आहवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य सम्पूर्ण कर लेना चाहिए. इसके अतिरिक्त समय का प्रयोग श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य मंन्त्रों का जपानुष्ठान करना चाहिए.


3. महानिशीथ काल (Maha Nishith Kaal)

धन लक्ष्मी का आहवाहन एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन इत्यादि कार्य सम्पूर्ण कर लेना चाहिए. इसके अतिरिक्त समय का प्रयोग श्री महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी, कुबेर पूजन, अन्य मंन्त्रों का जपानुष्ठान करना चाहिए.


रात में 22:51 से 25:33 तक महानिशीथ काल रहेगा. लेकिन इस समय पर रोग और काल का चौघडिया रहेगा जो अधिक अनुकूल नहीं होगा.


निशीथ काल का समय कर्क लग्न और लाभ चौघडिया भी प्राप्त होगी.


इस समय पूजा के लिए कर्क लग्न और सिंह लग्न होना शुभस्थ होता है. इसलिए उक्त चौघडियों को भुलाकर यदि कोई कार्य प्रदोष काल अथवा निशिथकल में शुरु करके इस महानिशीथ काल में संपन्न हो रहा हो तो भी वह अनुकूल ही माना जाता है. महानिशिथ काल में पूजा समय चर लग्न में कर्क लग्न उसके बाद स्थिर लग्न सिंह लग्न भी हों, तो विशेष शुभ माना जाता है. महानिशीथ काल में कर्क लग्न और सिंह लग्न होने के कारण यह समय शुभ हो गया है. जो शास्त्रों के अनुसार दिपावली पूजन करना चाहते हो, वह इस समयावधि को पूजा के लिये प्रयोग कर सकते हैं.


महानिशीथ काल का दिपावली पूजन में प्रयोग कैसे करें (How to Include Maha Nishith Kaal in Deepavali Puja)


महानिशीथकाल में मुख्यतः तांत्रिक कार्य, ज्योतिषविद, वेद् आरम्भ, कर्मकाण्ड, अघोरी,यंत्र-मंत्र-तंत्र कार्य व विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं शक्तियों का आवाहन करना शुभ रहता है. अवधि में दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुखा दीपक रात भर जलता रहना चाहिए. यह दीपक लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है.


दिवाली चौघडिया - 24 अक्टूबर, 2022 सोमवार - दिल्ली

09:34 से 10:53 तक लाभ

10:53 से 12:12 तक अमृत

17:27 से 19:08 तक शुभ

19:08 से 20:49 तक अमृत

20:49 से 22:26 तक चर