हृदय रेखा के विभिन्न पदों के प्रतिनिधित्व | Representations of Various Positions of Hardy Rekha

हृदय रेखा की स्थिति व्यक्ति के भीतर मौजूद रोमांटिक संभावनाओं को निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस रेखा कि विभिन्न प्रकार की स्थिति द्वारा विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण, प्रेम, रोमांटिक जीवन की प्रकृति, जीवन साथी कैसा होगा, प्रेम का बने रहना इत्यादि को समझा जा सकता है. अच्छे संबंधों मे बाधाओं का आना तथा वह बाधाएं किस कारण से आ रही हैं यह सभी कुछ इस रेखा से जाना जा सकता है।

  • इसका उदगम मुख्य तीन स्थानों - तर्जनी उंगली के आधार के मध्य, तर्जनी और मध्यमा उंगली के मध्य और शनि पर्वत के केंद्र से होता है। हृदय रेखा की स्थिति के आधार पर कुछ सामान्य भेद नीचे बताए जा रहे हैं.

  • जब हृदय रेखा गुरु पर्वत के मध्य से निकलती है,तो यह इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति को उच्चतम स्तर का प्रेम प्राप्त होगा। इस प्रेम में गर्व, आपसी सम्मान और जुनून रहेगा। इस के साथ व्यक्ति दृढ़, सुसंगत और अपने रिश्ते में भरोसेमंद होगा।

  • जब इसका आरंभ गुरु पर्वत से होता है, तो यह प्रतिनिधित्व करता है कि व्यक्ति अपने बराबर के स्तर में ही शादी करेगा नही करेगा। अपने से कम वाले से नही।

  • जब हृदय रेखा तर्जनी उंगली से गुरु पर्वत को पार करती है, तो यह भयंकर जुनून और र्निमूल उत्साह प्रदान करती है। व्यक्ति इस तरह के प्रेम मे सदैव प्रबल होता है।

  • जब इस रेखा का आरंभ तर्जनी और मध्यमा उंगली के मध्य से होता है,तो यह प्रेम के मामले में शांत और भावुक मन की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है ।

  • ऐसे व्यक्तियों को गुरु के अच्छे प्रभाव और शनि द्वारा दिये गये जुनून के मिश्रण के रुप मे देखा जा सकता है। जब हृदय रेखा का आरंभ शनि पर्वत से हो, तो यह जुनून का संकेत है व्यक्ति अपने प्रेम को सिद्ध करने के लिये काफी हद तक स्वार्थी हो सकता है। वह अपने रिश्ते में हावी रहेगा।

  • जब इस रेखा का आरंभ गुरु पर्वत या मध्यमा उंगली से बहुत उच्च होकर होता है, तो यह प्रतिनिधित्व करता है कि व्यक्ति किसी अन्य की तुलना मे अधिक भावुक और कामुक हो सकता है। व्यक्ति इस विषय में बहुत स्वार्थी हो सकता है।

  • जब यह रेखा हाथ के नीचे स्थित हो, अतः यह मस्तिष्क और जीवन रेखा के करीब हो, तो मस्तिष्क के मामले मे हृदय सदैव हस्तक्षेप करेगा।

  • इसके विपरीत, यह रेखा हाथ पर उच्च स्थित हो, मस्तिष्क संवेदनाओं पर हावी रहेगा और व्यक्ति कठोर और रुखे स्वभाव का होगा।

  • जब हृदय रेखा इतनी नीचे हो कि वह मस्तिष्क रेखा को छूती हो तो व्यक्ति को जीवन के प्रारंभिक चरण के दौरान. दुख की प्राप्ति होगी।

  • हृदय रेखा के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

    हृदय रेखा जीवन को पूर्ण रुप से बदल देने में भी सक्षम होती है. यह व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढा़वों को दर्शाती है. व्यक्ति का काम उसकी आर्थिक स्थिति कैसी रह सकती है जैसी बातें हम इस रेखा के द्वारा जान सकते हैं. हृदय रेखा के ऊपर ही सूर्य पर्वत, शनि पर्वत, बुध पर्वत गुरु पर्वत की स्थिति भी होती है. ऎसे में इन पर्वतों से निकली कोई रेखा जब इस हृदय रेखा से मिलती है तो व्यक्ति को उस ग्रह से संबंधित प्रभाव भी अवश्य देती है.

    गहरी और स्पष्ट हृदय रेखा हों जो तर्जनी या मध्यमा या गुरु या शुक्र पर्वत पर खत्म हो रही हो उन्हें जातक जीवन में अपार सफलता हासिल होती है और प्रेम संबंधों में कामयाबी मिलती है.