हाथों के शुभ-अशुभ लक्षण | Auspicious and Inauspicious Signs in Palmistry

आज हम हाथो के कुछ लक्षणों के बारे में बताएंगें जिससे यह पता चल सकता है कि यह व्यक्ति कितना गुणवान है और कितना अवगुणी है. सदगुणों को जांचने के लिए गुरु तथा सूर्य पर्वत का अध्ययन आवश्यक होता है क्योकि सूर्य तेज का तो गुरु ज्ञान का नैसर्गिक कारक ग्रह है.

गुणी व्यक्ति के हस्तलक्षण | Signs of Good Qualities in Palmistry

आरंभ गुणवान व्यक्ति के हस्तलक्षणो से करते हैं. हाथ में गुरु प्रधान तथा सूर्य प्रधान व्यक्ति सदमार्ग पर चलने वाले होते हैं अर्थात जिनके हाथ में यह दोनो पर्वत विकसित होते हैं वह सदगुणो की खान होते हैं.

ऎसे व्यक्ति यदि किसी बुरे काम में लग भी जाएं तब भी उसमें कुछ अच्छा कर गुजरते हैं अर्थात बुराई में भी अच्छाई ढूंढ निकालते हैं.जिस व्यक्ति के हाथ के नाखून गोलाई लिए हों वह मित्रता में कभी धोखा नहीं करते हैं और मित्रता के सभी फर्ज निभाते हैं.

जिनके नाखून चमकीले तथा गुलाबी आभा लिए हों वह दिल के सच्चे होते हैं. हाथों की सभी मुख्य रेखाएँ दोषरहित व पतली होने पर व्यक्ति सहृदय व कोमल होता है. ऎसा व्यक्ति सभी से प्रेम करने वाला होता है.

यदि हाथ की अंगुलियाँ फैलाने पर उनका झुकाव बाहर की ओर हो और अंगुलियाँ सीधी व लंबी हों तब भी व्यक्ति साफ दिल का होता है. हथेली की त्वचा लचीली व गुलाबी रंगत की होने से व्यक्ति सदगुणी होता है. यदि किसी के हाथ का रंग सांवला या काला है तब यह गुलाबी रंग का काम करेगी.

हृदय रेखा व मस्तिष्क रेखा शाखायुक्त हो लेकिन शाखाएँ आपस में टकराती ना हो और दोनो रेखाओ के मध्य उचित फासला हो तब ऎसे व्यक्ति गुणो से भरे होते हैं. मंगल रेखा पतली तथा जीवन रेखा से दूर होने पर भी व्यक्ति सह्रदय होता है.

गुरु पर्वत पर क्रॉस बना हो या गुरु मुद्रिका बनी हो तब भी व्यक्ति गुणी होता है. गुरु पर्वत पर आड़ी या तिरछी या खड़ी रेखाएँ बनने पर भी व्यक्ति गुणवान होता है.

हस्त लक्षणों से बदनामी के योग | Yogas related to Disgrace in Palmistry

आइए अब हम हस्त लक्षणो के बारे में बात करते हैं जिनके आधार पर किसी व्यक्ति के अवगुणों अथवा अपयश के बारे में पता चलता है. बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है और तर्क-कुतर्क का भी कारक माना जाता है. यदि हथेली में बुध पर्वत अति विकसित हो, कनिष्ठिका लंबी व मोटी या टेढ़ी हो तब ऎसे व्यक्ति चतुर-चालाक होते हैं.

उपरोक्त लक्षण वाले व्यक्तियो की बुरे मार्ग पर चलने की संभावना अधिक बनती है क्योकि उनकी बुद्धि कुतर्क अधिक करती है और सदा कोई ना कोई तिकड़मबाजी में रहते हैं. यदि हृदय रेखा हथेली में गायब हो अर्थात बनी ही ना हो या बहुत छोटी ह्रदय रेखा बनी हो तब ऎसे व्यक्ति अवगुणी होते हैं.

बुध रेखा लहरदार हो या बुध पर्वत पर स्टार बना हो या जाल बना हो तब व्यक्ति बदनामी के काम करता है. व्यक्ति की तर्जनी अंगुली(पहली अंगुली) सामान्य से छोटी हो, गुरु पर्वत दबा हुआ हो, मस्तिष्क रेखा दूषित हो तब व्यक्ति ऎसे कामों में लिप्त रहता है जिनसे उसके मान सम्मान पर धब्बा लगता हो.

शनि रेखा यदि मध्यमा अंगुली के तीसरे पोर में प्रवेश कर जाए तो वृद्धावस्था में बदनामी के योग बनते हैं. किसी व्यक्ति का हाथ पतला या गुदगुदा हो और मंगल रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत पर जाती हो तो व्यक्ति में मादक पदार्थो के सेवन की आदत होती है.