आकार के आधार पर जीवन रेखा | Representations of Jeevan Rekha based on Shape - Jeevan Rekha

जीवन रेखा का उदगम शुक्र पर्वत से आरंभ हो कर हथेली के नीचे जाते हुये शुक्र पर्वत को घेरता है। यह रेखा हाथ की सबसे महत्वपूर्ण और विवादास्पद रेखा है। यह रेखा हथेली के अंत तक जाती हुई शुक्र पर्वत पर एक चाप की आकार लिये होती है। यह रेखा जीवन शक्ति, शारीरिक स्वस्थता, प्रतिरोधक क्षमता, शारीरिक बीमारियॉ ,ज्वर, मृत्यु और सामान्य स्वस्थता की जानकारी देती है।

आम धारणा के विपरीत यह व्यक्ति की सटीक उम्र नही बताती है। यह रेखा आकस्मिक दुर्घटना को छोड़ कर व्यक्ति का साधारणत: जीवन कितना होगा, यह बता सकती है.

जीवन रेखा लंबी,पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के, टूटी या कटी नही होनी चाहिये । ये सब आकार प्रदर्शित करते है कि व्यक्ति लम्बी उम्र, अच्छे स्वास्थ और तंदुरुस्ती का मालिक है। जीवन रेखा के आकार पर आधारित कुछ नियम नीचे दिये जा रहे है।

  • यदि जीवन रेखा टूटी हुई या छोटे-छोटे टुकड़ो मे विभाजित हो तो व्यक्ति खराब और  अनियमित स्वास्थ्य वाला होता है, यही रेखा टूटी-फूटी नहीं हो, सुंदर, सुस्पष्ट और एकसमान हो तो व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है।
  • यदि जीवन रेखा बाएं हाथ में टूटी हुई हो और दाहिने हाथ में साफ तथा सुस्पष्ट है तब यह कुछ गंभीर बीमारी का संकेत है। परन्तु अंततः बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन यदि जीवन रेखा दोनो हाथ मे टूटी हुई हो तो व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
  • यदि जीवन रेखा पीलापन लिए और चौड़ी हो तो ऐसा व्यक्ति बुरी प्रवृत्ति, खराब चरित्र वाला और बीमार स्वास्थ्य का मालिक होता है।
  • यदि गुरु पर्वत पर आरंभ होती हुई जीवन रेखा जंजीर से युक्त हो तो एक व्यक्ति के बचपन मे  गंभीर बीमारी का संकेत है।
  • यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच मे कुछ जगह है तो व्यक्ति आकर्षित करने वाला, ध्यान न देने वाला होता है, जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति ऊर्जा युक्त, अति उत्साही होता है। परन्तु इन रेखाओ कि बीच मे व्यापक जगह हो व्यक्ति  अतिआत्मविश्वासी, अतिउत्साही और अति ऊर्जा युक्त बनता है।
  • यदि जीवन रेखा हथेली के केंद्र मे आकर टूट जाए और उसकी एक शाखा चन्द्र पर्वत की ओर जाती है तब व्यक्ति मेहनती हाथो वाला, कठिन परिश्रमी, यात्रा के लिये उत्सुक, मौजमस्ती वाला और अपनी इच्छाओ को संतुष्ट करने वाला व्यक्ति होता है
  • यदि जीवन रेखा के बीच मे महीन रेखाएँ हो तो यह व्यक्ति की जीवन शक्ति मे कमी और कमजोरी का संकेत होता है।
  • यदि जीवन रेखा अंत मे विभाजित हो और उनमे अधिक अंतराल हो तो यह दर्शाता है कि ऐसे व्यक्ति जीवन के अंत मे अपने जन्म स्थान से दूर दूसरे देश मे होता है या फिर वह म्रत्यु के समय       जन्म स्थान से दूर होता है।
  • यदि जीवन रेखा पर  द्वीप हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति ज्वर या खराब स्वास्थ्य से पीड़ित होगा परन्तु यदि  द्वीप रेखा के आरंभ मे हो तो व्यक्ति की मृत्यु अनसुलझी पहेली बन जाती है।
  • यदि जीवन रेखा पर वर्ग बना हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति का अचानक बीमारी, रोग और मृत्यु से बचाव होगा।