हस्तरेखा से सदगुण व अपयश योग | Auspicious and Defaming Yogas in Palmistry

सदगुणी व्यक्ति का हाथ | Auspicious (Sadgun Yoga)

हस्तरेखाओ के माध्यम से व्यक्ति के चरित्र का चित्रण भी बहुत अच्छी तरह से किया जाता है बशर्ते की हाथ देखने वाला व्यक्ति इस क्षैत्र में कुशलता प्राप्त हो और वह बारीकी से हर क्षेत्र के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओ का विश्लेषण कर सके. आइए आज हम हस्त रेखाओं के माध्यम से एक सदगुणी व्यक्ति के बारे में जानने का प्रयास करते हैं कि हाथ में वह कौन सी रेखाएँ अथवा चिन्ह हैं जिनके माध्यम से हम यह कह सकते हैं कि यह हाथ एक अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति का है. जिसमें गुणों की खान हैं.

हाथ में स्थित गुरु प्रधान व सूर्य प्रधान व्यक्ति के कुमार्ग पर चलने की संभावना नहीं होती है. ऎसे लोग किसी भी तरह से बुरे कामो से स्बंध नहीं रखते हैं. ऎसा कोई काम नहीं करते हैं जिसे करने से वह बदनामी के घेरे में ना आ जाएँ. आइए सभी लक्षणों पर एक निगाह डालने का प्रयास करें.

  • जिस व्यक्ति के नाखूनों का आकार गोल होता है, वह व्यक्ति मित्रता के सभि कर्तव्य निभाता है.
  • नाखूनों में गुलाबी रंग की चमकीली आभा व्यक्ति के सहृदय को दिखाती है. ऎसा व्यक्ति अच्छे दिल वाला होता है.
  • यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ह्रदय रेखा और मस्तिष्क रेखा शाखाओं से युक्त हो लेकिन उनकी शाखाएँ एक्-दूसरे से टकराती ना हों. साथ ही इन दोनो मुख्य रेखाओं के बीच फासला भी अच्छा हो तब ऎसा व्यक्ति सदगुणों से भरा होता है.
  • हाथ की रेखाएँ पतली हों और बिना किसी दोष के स्थित हों तो ऎसा व्यक्ति सदगुणी होता है.
  • व्यक्ति के हाथ में मंगल रेखा पतली हो और वह जीवन रेखा से दूर हो तो ऎसे व्यक्ति के अंदर बहुत से गुणो का भंडार होता है.
  • हाथ में गुरु मुद्रिका बनी हो तब ऎसा व्यक्ति अच्छे गुणों वाला होता है.
  • हाथ में गुरु पर्वत पर क्रॉस बना हो या गुरु पर्वत पर आड़ी, तिरछी अथवा खड़ी रेखा बनी हो तब भी ऎसा व्यक्ति सदगुणों की खान होता है.
  • यदि हाथ में सीधी तथा लंबी अंगुलियाँ हों और जब हाथ को फैलाएँ तब यह अंगुलियाँ जापानी पंखे की तरह अलग - अलग फैल जाएँ तथा इन सभी अंगुलियों का झुकाव हथेली से बाहर की ओर हो.
  • हाथ की हथेली का रंग गुलबी हो और लचीली त्वचा हो तब वह व्यक्ति सदगुणी होता है. जिस व्यक्ति का हाथ काले रंग का है तब उसके हाथ की गहरे रंग की त्वचा गुलाबी होने का फल देती है.

अपयश योग | Defaming (Apyash Yoga)

अभी हमने एक सदगुणी हाथ के लक्षणों के बारे में बात की है. आइए अब हम हाथ के ऎसे लक्षणों के बारे में चर्चा करते हैं जिनसे व्यक्ति को जीवन में अपयश का सामना करना पड़ता है. निम्नलिखित योगो में से जितने अधिक लक्षण व्यक्ति के हाथ में होगें उतने अधिक उसके अपयश प्राप्ति के योग बनते हें.

  • जिन व्यक्तियों के हाथ में बुध पर्वत विकसित होता है वह व्यक्ति कुछ ज्यादा ही चतुर होते हैं.
  • जिनकी कनिष्ठिका अंगुली लंबी और मोटी होती है अथवा टेढ़ी होती है ऎसे व्यक्ति बहुत चालाक होते हैं. ऎसे व्यक्ति बहुत जल्दी कुमार्ग पर जा सकते हैं.
  • व्यक्ति कि हथेली में सूर्य रेखा पर धब्बे या गड्ढे हों या क्रॉस बना हो तब व्यति के एक उम्र विशेष में बदनामी के योग बनते हैं. यदि इसके बाद भी सूऋय रेखा बन रही हो तब कुछ समय मानसिक परेशानी के बाद सब कुछ शांत हो जाता है.
  • यदि किसी के हाथ में अन्य उपरोक्त दोषो के साथ बुध रेखा लहरदार हो या बुध पर्वत पर जाल बना हो या बुध पर्वत पर स्टार बना हो तब ऎसा व्यक्ति अपयश प्राप्त कर सकता है.
  • हाथ में तर्जनी अंगुली छोटि है और गुरु पर्वत दबा हुआ हो तब बदनामी के योग बनते हैं.
  • अन्य दोषो के साथ व्यक्ति का हाथ पतला भी हो तब बदनामी के योग बनते हैं.
  • हाथ में शनि रेखा मोटी हो या दूषित हो तब भी अपयश मिल सकता है.
  • यदि शनि रेखा मध्यमा अंगुली के तीसरे पोर तक प्रवेश कर जाए तब बुढ़ापे में अपयश मिलने की संभावना बनती है.
  • यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दूषित मस्तिष्क रेखा हो तब भी अपयश मिलने की संभावना बनती है.
  • हाथ में ह्रदय बनी ही ना हो या फिर ह्रदय रेखा छोटी हो तब भी अपमान मिलने की संभावना बनती है.
  • हाथ में मंगल रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत तक जा रही हो और व्यक्ति का हाथ गुदगुदा हो या पतला हो तब ऎसे व्यक्ति को ड्रग्स लेने की आदत हो सकती है.
  • यदि हाथ में मंगल रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत पर जा रही हो और व्यक्ति का हाथ भारी व सख्त हो तब वह अत्यधिक् कामी हो सकता है.