आकृति के आधार पर हृदय रेखा का प्रतिनिधित्व | Representations of Hriday Rekha (Heart line) on the basis of Shape

ह्र्दय रेखा का आरंभ तर्जनी उंगली के नीचे हथेली को पार करता हुआ कनिष्ठा पर समाप्त होता है। यह रेखा जीवनरेखा और मस्तिष्क रेखा के ऊपर हथेली के शीर्ष पर स्थित है। यह रोमांटिक संभावनाओं, विपरीत लिंग के मध्य आकर्षण ,भावनात्मक स्थिरता और मनोवैज्ञानिक सहनशक्ति का विश्लेषण करने के लिए प्रयोग होती है। इसका आरंभ तीन महत्वपूर्ण स्थानों गुरु पर्वत के मध्य से ,पहली और दूसरी उंगलियों के बीच और शनि पर्वत के मध्य से होता है।

हृदय रेखा का आकार व्यक्ति की विभिन्न रोमांटिक संभावनाओं को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण है। हृदय रेखा के आकार के विश्लेषण द्वारा सामान्य विशेषताएँ निम्नानुसार हैं:

  • जब हृदय रेखा गहरी, व्यापक और स्पष्ट हो तो व्यक्ति में मजबूत स्नेह को दर्शाती है। लम्बी हृदय रेखा तर्जनी के आधार पर समाप्त हो तो यह मजबूत स्नेह के कारण लोगों की ईर्ष्या को दर्शाता है।
  • जब हृदय रेखा का आरंभ छोटी रेखाओं के समूह से हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति का कोई स्थायी स्नेह  नही होता। यह अस्थिर इश्कबाजी को दर्शाता है।
  • जब हृदय रेखा व्यापक और जंजीरनुमा हो, तो व्यक्ति को विपरीत सेक्स के प्रति अत्यधिक अलगाव रखेगा।
  • जब  हृदय रेखा लालिमा लिये हो, तो यह यह एक हिंसक जुनून को दर्शाती है।
  • जब हृदय रेखा बेरंग या व्यापक हो तो व्यक्ति अपने चारों ओर हो रही गतिविधियों के प्रति वह उदासीन रहता है।
  • जब यह रेखा बीच से टूटती है तो यह रिश्तों के प्रति उदासीनता को दर्शाती है।
  • जब हृदय रेखा का आरंभ गुरु पर्वत पर विभाजन के साथ हो तो, यह संकेत है कि व्यक्ति को सच्चा और ईमानदार साथी मिलेगा तथा वह प्रेम के प्रति उत्साही होगा।
  • जब हृदय रेखा विभाजित हो और उसकी एक शाखा गुरु पर्वत पर और दूसरी तर्जनी और मध्यमा  उगली के बीच हो तो यह रिश्ते मे खुशी और द्वंद को दर्शाती है।
  • जब व्यापक द्विशाखित रेखा की एक शाखा गुरु पर्वत पर और दूसरी शनि पर्वत पर हो तो, यह दर्शाता है कि अपने साथी के साथ रिश्ते के प्रति वह स्नेह में अनिश्चित स्वभाव वाला और चिरचिड़ापन लिये होता है।
  • जब रेखा अकेली और शाखा रहित हो, यह व्यक्ति के हृदय  में भावनाओं की कमी को दर्शाता है। व्यक्ति के जीवन मे  उसके या उसकी स्नेह की आवश्यकता  होती है।
  • जब पतली हृदय रेखा  हाथ के किनारे की ओर जाती है, तो यह दर्शाती है कि व्यक्ति बंध्य होगा।
  • जब महीन रेखाएं मस्तिष्क रेखा से ह्र्दय रेखा पर आये तो उसका दिल उसके विचारों को प्रभावित करेगा।
  • जब ह्र्दय, मस्तिष्क, और जीवन रेखाएं एक साथ मिली हुई हो तो यह एक अशुभ  संकेत  है।प्रेम और स्नेह के सभी तरह के मामले मे अशुभता का चिन्ह है। वह अपने चित्त मे स्थिर नही रह पायेगा और अपनी इच्छा पूर्ति नही कर पायेगा।
  • जब धुधंली हृदय रेखा या विलुप्त हृदय रेखा हो तो, यह व्यक्ति मे गहरे प्रेम की कमी को दर्शाता है लेकिन वह कामुक होगा  खासकर अगर उसके हाथ कोमल हो।
  • जब हृदय रेखा उपस्थित हो लेकिन समय बीतने के साथ धुधंली पड़ गयी हो, यह दर्शाता है कि व्यक्ति को प्रेम मे  भयानक निराशा का अनुभव होगा और इसलिए वह हृदयहीन और उदासीन बन जाता है।